पोल्ट्री उद्योग का कृषि, पशुपालन में योगदान, उत्पाद विशेषताएं, उद्योग ज्वलंतशील समस्याएं एवं समाधान सुझाव प्रार्थना
सेवा में , माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी , माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री महोदया जी , माननीय केंद्रीय पशुपालन मंत्री महोदय जी , भारत सरकार , नई दिल्ली। विषय:- पोल्ट्री उद्योग का कृषि , पशुपालन में योगदान , उत्पाद विशेषताएं , उद्योग ज्वलंतशील समस्याएं एवं समाधान सुझाव प्रार्थना । महोदय जी , हमारे देश में कॉमर्शियल पोल्ट्री उद्योग की शुरुआत लगभग वर्ष 1962 में हुई थी , नस्ल सुधार हेतु उच्च उत्पादक नस्लों (स्ट्रैन) का आयात , शैक्षणिक व अनुसंधान संस्थानों की स्थापना आदि पंचवर्षीय योजनाओं के तहत किया गया। कॉमर्शियल पोल्ट्री उद्योग को वर्ष 1980 के आसपास निजी क्षेत्र को नस्ल मिशन व उद्योग विकास हेतु आमंत्रित कर लावारिश व स्वयं के हालत पर छोड़ दिया गया। पोल्ट्री उद्योग किसानों की आय दोगुना मिशन , आत्मनिर्भर भारत मिशन व कोरोना से लड़ने हेतु इसमें अभूतपूर्व साहस है और यह कई योजनाओं को बल दे सकता है। पोल्ट्री उद्योग का कृषि , पशुपालन में योगदान व इसके उत्पादों की विशेषताएं :- 1 . विश्व में भारत अंडा उत्पादन - 3 स्थान व चिकन उत्पादन - 5 स्थान रखता है। 2 . कृषि जीडीपी में 1 . 25...